गरीव लाचार नोट को लेकर बेकार... क्या करे गरीव..?? कहाँ जाये
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ये मैसेज ना तो बीजेपी के पछ में है और ना उसके विपछ में, ये मैसेज सिर्फ उस जनता के पछ में है जो हकीकत में परेशान है. हम ये नहीं कहते की मोदी जी का ये फैसला गलत है लेकिन इसका आम जनता पर जो असर पड़ रहा है वो गलत है.
इस फैसले की वजह से ना जाने कितने लोग इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं उनके परिवार का दर्द क्या है ये कौन जनता है...?? क्या किसी को उनके दर्द की फ़िक्र है...?? किसी अपने को खोने का दर्द क्या होता है ये उनसे बेहतर और कौन बता सकता है जिनके परिवार से एक सदस्य कम हो गया.
आज हर वो गरीव आदमी परेशान है जिसके पास पैसे की व्यवस्था करने के पर्याप्त साधन नहीं हैं, किसी के पास दवाई के लिए पैसे नहीं हैं तो किसी के पास घर का राशन लाने के लिए तो किसी की लड़की की शादी के लिए, कहीं किसी को पुरे महीने काम करने के बाद उसकी मेहनत का फल मतलब सैलेरी नहीं मिली.
कहीं ना कहीं सबसे ज्यादा गरीव ही परेशान है. लोग मीडिया वालों के पूंछने पर इतनी मुश्किलों के बाद भी अपने आपको मोदी जी के साथ ही बता रहे हैं लेकिन उनके दिल से पूंछों जिनको 4 - 5 घंटे लाइन में खड़े होने के बाद भी पैसे नहीं मिल पा रहे हैं
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